हम जब बी0 ए0 भोजपुरी मे पढत रही तब हामरा बरी परेशानी के सामना करे के परल रहे, जवन किताब हमरा पढे के रहे ओकर उपलब्धत ना रहला के कारण ! हम जे0 पी0 यू0 छपरा के लोक माहा विद्यालय हाफिज़पुर, बनियापुर सारण से पाढाई कईनी !
हम बाबू जी के आशीर्वाद से आ उहा के देहल भोजपुरी के नोट्स आ उहान के संघतिया लोग के मदद से हम कुछ किताब उपरवनी ! उहो सब किताब या त फाट चुकल रहे या फाटे के कगार पर रहे ! ओकरा के हम सहेज के रखनी जवन हमरा बाद आवे वाला लरिकन खतीर रखनी! कुछ किताब त मिलबे ना कईल !
हम ओह समय अपना बबुजी के सहायता लेहनी आ तईयारी कईनी ! हामारा कालेज मे प्रो0 के भी कमी रहे ! एक आदमी बरलो बा त उ अपना कामे मे व्यस्त रहे लन ! तबे हम ई सोंच लेले रहीं कि हम आपना से हर ओह विषयन पर लिखब जवन पर हमर जेतना परेशानी झेले के परल बा जवना से आवे वाला लरिकन के दिक्कत के सामना ना कारे के परे ! तबे से हम लिखे के बीरा उठा लेले बानी आ लिख रहल बानी !
हामार किताब आ रहल बा जवन कि निबन्ध स्पेशल बा ! एह किताब मे भोजपुरी सहित्य के इतिहास संक्षेप में सहित भोजपुरी भाषा आर्य परिवार, कबीर, मीनक राम, सखी सम्प्रदाय महेन्द्र मिसिर सहीत कई विषयन पर लेख पढे के मिली ! हामरा आस्शा बा रउरा लोहगन के पसन्द आई ! एह किताब के प्रकाशन भोजपुरी भारती संस्था, ढोढस्थान, जनता बज़ार साराण से हो रहल बा !
हम बाबू जी के आशीर्वाद से आ उहा के देहल भोजपुरी के नोट्स आ उहान के संघतिया लोग के मदद से हम कुछ किताब उपरवनी ! उहो सब किताब या त फाट चुकल रहे या फाटे के कगार पर रहे ! ओकरा के हम सहेज के रखनी जवन हमरा बाद आवे वाला लरिकन खतीर रखनी! कुछ किताब त मिलबे ना कईल !
हम ओह समय अपना बबुजी के सहायता लेहनी आ तईयारी कईनी ! हामारा कालेज मे प्रो0 के भी कमी रहे ! एक आदमी बरलो बा त उ अपना कामे मे व्यस्त रहे लन ! तबे हम ई सोंच लेले रहीं कि हम आपना से हर ओह विषयन पर लिखब जवन पर हमर जेतना परेशानी झेले के परल बा जवना से आवे वाला लरिकन के दिक्कत के सामना ना कारे के परे ! तबे से हम लिखे के बीरा उठा लेले बानी आ लिख रहल बानी !
हामार किताब आ रहल बा जवन कि निबन्ध स्पेशल बा ! एह किताब मे भोजपुरी सहित्य के इतिहास संक्षेप में सहित भोजपुरी भाषा आर्य परिवार, कबीर, मीनक राम, सखी सम्प्रदाय महेन्द्र मिसिर सहीत कई विषयन पर लेख पढे के मिली ! हामरा आस्शा बा रउरा लोहगन के पसन्द आई ! एह किताब के प्रकाशन भोजपुरी भारती संस्था, ढोढस्थान, जनता बज़ार साराण से हो रहल बा !
जरूर करीं। हमहू साथे बानी।
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